नीरज चोपड़ा: पेरिस 2024 ओलंपिक्स में रजत पदक जीतने के बाद निराश, कहा- “फिटनेस और तकनीक में सुधार की ज़रूरत है”

Supriti Bhargava
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नीरज चोपड़ा: पेरिस 2024 ओलंपिक्स में रजत पदक जीतने के बाद निराश, कहा- “फिटनेस और तकनीक में सुधार की ज़रूरत है”

पेरिस 2024 ओलंपिक में भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने अपने करियर की दूसरी सबसे बेहतरीन थ्रो दर्ज की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें पुरुषों की जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। नीरज, जिन्होंने टोक्यो 2020 में स्वर्ण पदक जीता था, इस बार पाकिस्तान के अर्शद नदीम के पीछे रह गए, जिन्होंने 92.97 मीटर की ओलंपिक रिकॉर्ड-तोड़ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।

नीरज चोपड़ा की प्रतिक्रिया:
नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रदर्शन के बारे में असंतोष जताया और कहा, “यह एक अच्छी थ्रो थी, लेकिन मैं आज अपनी प्रदर्शन से बहुत खुश नहीं हूं। मेरी तकनीक और रनवे अच्छी नहीं थी। मैंने केवल एक सफल थ्रो किया, बाकी सभी थ्रो फाउल हो गए।”

तकनीक और फिटनेस पर ज़ोर:
नीरज ने आगे कहा, “दूसरे थ्रो के लिए मैंने खुद पर विश्वास किया कि मैं भी इतना दूर थ्रो कर सकता हूं। लेकिन जैवलिन में अगर आपका रनवे अच्छा नहीं है, तो आप बहुत दूर तक नहीं थ्रो कर सकते।” नीरज का यह पदक-विजेता थ्रो उनकी दूसरी कोशिश में आया।

नीरज चोपड़ा की थ्रो का विवरण:

प्रयासथ्रो (मीटर में)
पहलाफाउल
दूसरा89.45 (पदक विजेता थ्रो)
तीसराफाउल
चौथाफाउल
पाँचवाफाउल
छठाफाउल

चोटें और कठिनाइयाँ:
नीरज ने यह भी उल्लेख किया कि पेरिस 2024 की तैयारी के दौरान उन्हें लगातार चोटों का सामना करना पड़ा, जिसने उनके खिताब रक्षा के प्रयासों में बाधा उत्पन्न की। नीरज ने कहा, “पिछले दो-तीन साल मेरे लिए अच्छे नहीं रहे। मैं हमेशा घायल रहता हूं। मैंने कड़ी मेहनत की, लेकिन मुझे अपनी चोट और तकनीक पर काम करना होगा।”

पेरिस 2024 की तैयारी में समस्याएँ:
नीरज की पेरिस 2024 की तैयारियों में उनके एडडक्टर मसल्स की समस्याओं ने बाधा डाली, जिसकी वजह से उन्हें ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक सहित कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाए। नीरज ने पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि एडडक्टर की समस्याएँ पिछले कुछ वर्षों से उनके लिए एक बाधा बनी हुई हैं, और वह पेरिस 2024 अभियान के बाद डॉक्टरों से परामर्श करने का इरादा रखते हैं।

उन्होंने खुलासा किया, “प्रशिक्षण में, मैं अपने ग्रोइन की चोट के कारण बहुत सारे थ्रो नहीं कर पा रहा हूं। लेकिन मैं भविष्य में कड़ी मेहनत करूंगा।”

अर्शद नदीम के लिए बधाई संदेश:
नीरज ने अपने प्रतिद्वंद्वी और अच्छे दोस्त अर्शद नदीम के लिए एक बधाई संदेश के साथ साइन ऑफ किया। उन्होंने कहा, “आज की प्रतियोगिता वास्तव में शानदार थी। अर्शद नदीम ने बहुत अच्छा थ्रो किया। उन्हें और उनके देश को बधाई।”

अर्शद नदीम का पदक पाकिस्तान के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक था। यह 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक्स के बाद देश का पहला पदक भी था।

भविष्य की योजनाएं और सुधार की दिशा:
नीरज चोपड़ा का यह मानना है कि पेरिस 2024 ओलंपिक में प्रदर्शन भले ही संतोषजनक न रहा हो, लेकिन इससे उन्हें अपने खेल में और सुधार करने का संकल्प मिला है। उन्होंने अपनी तकनीक और फिटनेस पर ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित किया। उनका मानना है कि चोटें और तकनीकी खामियां उनकी सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं, और इन पर काम करना जरूरी है।

नीरज के मुताबिक, “मैंने पेरिस 2024 में जितना अच्छा करने की उम्मीद की थी, वैसा नहीं कर पाया। इस बार की कठिनाइयों से मुझे सीखने का अवसर मिला है। अब मेरा फोकस फिटनेस पर रहेगा ताकि मैं अपनी तकनीक में सुधार कर सकूं और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकूं।”

भविष्य की योजनाएँ और उम्मीदें:
नीरज चोपड़ा का लक्ष्य अब चोटों से उबरने और अपनी तकनीक को और अधिक मजबूत बनाने का है। उन्होंने कहा, “मैं भविष्य में और भी बेहतर करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा। मेरे पास अभी भी काफी समय है, और मैं अपनी गलतियों से सीखकर अगले ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगा।”

नीरज की इस ईमानदारी और प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में एक प्रेरणादायक खिलाड़ी बना दिया है। उनकी हर कोशिश में उनके प्रशंसक और देश उनके साथ खड़े हैं, और उन्हें यकीन है कि नीरज जल्द ही एक और स्वर्ण पदक जीतकर लौटेंगे।

निष्कर्ष:
पेरिस 2024 ओलंपिक्स में नीरज चोपड़ा का सफर भले ही रजत पदक पर खत्म हुआ हो, लेकिन उन्होंने अपने संघर्ष और प्रतिबद्धता से यह साबित किया है कि वे भविष्य में और भी बड़े उपलब्धियां हासिल करने की काबिलियत रखते हैं। उनकी तकनीक, फिटनेस और खेल के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें न केवल एक महान खिलाड़ी, बल्कि एक सच्चा प्रेरणास्रोत भी बना दिया है।


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